यदि आप दिल के गहरे दर्द को शब्दों में बयां करने की कोशिश कर रहे हैं, तो “सैड शायरी इन हिंदी” आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है। इस ब्लॉग में, हमने 100+ बेहतरीन और दिल छूने वाली “सैड शायरी” को संजोया है जो आपके भावनाओं को सही शब्दों में व्यक्त करने में मदद करेगी। चाहे आप किसी के चले जाने का दर्द महसूस कर रहे हों या अपने दिल की गहराइयों को व्यक्त करना चाहें, हमारी “sad status in hindi” और शायरी आपके दिल की आवाज़ बन सकती है। इन शायरी को पढ़ें और अपनी भावनाओं को साझा करें।
Sad Shayari in Hindi with Image (हिंदी में सैड शायरी)
तुम से अच्छे तो मेरे दुश्मन है,
जो बात बात पर कहते है तुम्हे छोड़ेंगे नहीं…!
एक अजीब सी जंग है मुझमें,
कोई मुझसे ही तंग है मुझमें…!
तुमपर भी यकीन है, और मौत पर भी एतबार है,
देखते है पहले कौन मिलता है, हमे दोनो का इंतजार है…!
खाकर ठोकर ज़माने की, फिर लौट आए मैखाने में,
मुझे देख कर मेरे गम बोले बड़ी देर लगा दी आने में…!
चार दिन आंखो में नमी होगी,
मैं मर भी जाऊं तो क्या कमी होगी…!
राह देखेंगे तेरी चाहे ज़माने लग जाए,
या तू आ जाए या हम ही ठिकाने लग जाए…!
घड़ी की टिक टिक को मामूली ना समझें,
ज़िंदगी के दरख़्त पर कुल्हाड़ी के वार हैं…!
मैं गुनहेगर भी हु तो खुद का हु,
मैने अपने सिवा किसी को बर्बाद नही किया…!
किस्मत कुछ ऐसी थी के चैन से जीने की हिम्मत ना हुई,
जिसको चाहा वो मिला नही, जो मिला उससे मोहब्बत ना हुई…!
मुझे इसलिए बनाया उस भगवान ने,
क्योंकि वो देखना चाहते थे, इंसान किस हद तक दर्द सह सकता है…!
लगा कर इश्क की बाजी सुना है रूठ बैठे हो,
मोहब्बत मार डालेगी अभी तुम फूल जैसे हो…!
चूम कर मेरे कफन को उसने क्या खूब कहा,
नया कपड़ा क्या पहन लिया अब तो बात भी नही करते…!
करनी नही आती तुम्हे मोहब्बत फिर भी करते हो,
पाना भी नही चाहते और खोने से डरते हो…!
कोशिश तो बहुत करता हु खुश रहने की पर,
नसीब में ही खुशियां ना लिखी हो तो क्या करू…!
उठाकर फूल की पत्ती नजाकत से मसल डाली,
इशारे से कहा हम दिल का ऐसा हाल करते हैं…!
ऐसे माहौल में दवा क्या है दुआ क्या है,
जहां कातिल ही पूछे की हुआ क्या है…!
बोहत मुस्कील से करता हु तेरी यादों का कारोबार,
मुनाफा कम है लेकिन गुजारा हो ही जाता है…!
बहुत जुदा है औरों से मेरे दर्द की कहानी,
जख्म का निशा नही है और दर्द का इलाज नहीं…!
हमारे ऐब तो उजागर है साहब,
फिक्र वो करे जिनके गुनाह परदे में हैं…!
भूलना इतना आसन होता,
तो उसे कबका भुला दिया होता…!
किस्मत से अपनी सबको सिखायत क्यों है,
जो मिल नही सकता उससे मोहब्बत क्यों है…!
ना जवाब दे ना सवाल कर,
मुझे छोड़ दे मेरे हाल पर,
तुझे क्या मिलेगा तू ही बता, मुझे उलझनों में डालकर…!
अजीब जुर्म करती हैं तेरी यादें,
सोचू तो बिखर जाऊं, ना सोचूं तो किधर जाऊं…!
खुदा बदल ना सका आदमी को आज भी,
और आदमी में सैकड़ों खुदा बदले…!
किसी को तो रास आयेंगे हम भी,
कोई तो होगा जिसे सादगी पसंद होगी…!
बिछड़ा वो इस कदर के रुत ही बदल गई,
एक शख्स सारे शहर को वीरान कर गया…!
इश्क ने देखो कैसी तबाही मचा रक्खी है,
आधी दुनियां पागल, आधी शायर बना रक्खी है…!
अदा कातिल, निगाह कातिल, जुबां कातिल बयां कातिल,
बता कातिल, कहा जाऊं, जहा जाऊं वहां कातिल…!
अब तो ख्वाबों में आना छोड़ दो अब कहां हम साथ हैं,
तुम्हारे साथ भी बर्बाद थे तुम्हारे बाद भी बर्बाद हैं…!
मेरे अल्फाज सूली तक ले जाते है,
मेरी शायरी ना चुराना मारे जाओगे…!
कितना मुस्किल है ये जिंदगी का सफर,
खुदा ने जीना मुस्कील किया और लोगो ने मरना…!
ये जिंदगी भी ना आईने की तरह है,
ये तभी मुस्कुराएगी जब तुम…!
बदला बदला सा है मिजाज क्या बात हो गई,
शिकायत हमसे है, या किसी और से मुलाकात हो गई…!
चांद की कीमत वो क्या जाने,
जो सूरज ढलते ही सो गए…!
एक मशला है उसे भुलाने में,
उसके बदले में किसको याद करू…!
मेरे ठोकरें खाने से भी कुछ लोगो को दिक्कत है,
कहते है यूं तो ये शख्स, तजुर्बे से आगे निकल जायेगा…!
मत पूछ मेरे जागने की वजह ए चांद,
कोई तेरा ही हमशक्ल है जो सोने नहीं देता…!
अब इससे बढ़कर बदनसीबी क्या होगी,
जब पिंजरे से प्यार हुआ, तो रिहाई का वक्त आ पोहोंचा…!
बेलिबास आये थे इस दुनिया में ग़ालिब,
सिर्फ एक क़फ़न के लिए इतना सफ़र कर गए…!
वही छीन लेते हैं मुस्कान चेहरे की,
जिन्हे बता दिए जाए की तुम जरूरी हो…!
लड़की लड़के को इसलिए नही समझ पाती,
क्योंकि उसे गुरुर होता है, की उसे चाहने वाले बहुत हैं…!
दिल का ज़ख्म दिखाया नही जाता,
गम का किस्सा बार बार सुनाया नही जाता,
तुम जी भर के देख लेना इस चेहरे को,
क्योंकि ये कफन बार बार हटाया नहीं जाता…!
कभी ना कभी ये एहसास होगा तुम्हे,
की कोई था जो बिना मतलब के चाहता था तुम्हे…!
और अकेले रहा करो मेरे दोस्त,
यहां लोग मोहब्बत के बहाने हसी छीन लेते हैं…!
मैं उसे हर गलत चीज से दूर रखना चाहता था,
पर क्या यार उसने मुझे ही गलत समझ लिया…!
जाने उस शख्स को ये कैसा हुनर आता है,
रात होते ही आंखों में उतर आता है…!
दिल काफी नादान था,
दिमाग वालो से हार गया…!
दल दिया है मुझे मेरे चाहने वालो ने ही,
वर्ना मुझ जैसे शख्स में इतनी खामोशी कहां थी….!
वैसे मैं बहुत स्ट्रॉन्ग हूं पर,
कभी-कभी आंसू ही नहीं रुकते…!
मरने वाले तो बिना बताए ही मर जाते हैं,
रोज तो वो मरते है जो खुद से ज्यादा किसी और को चाहते हैं…!
कभी महसूस हो तुझे मेरी कमी,
तो इसकी वजह भी खुद से पूछ लेना…!
बहुत अमीर है उसका नया यार,
मेरी मोहब्बत खरीद ली उसने…!
और फिर एक दिन बैठे बैठे मुझे अपनी दुनियां बुरी लग गई,
जिसको आबाद करते करते मेरे मां-बाप की जिंदगी लग गई…!
हमारे हिस्से में वो जिंदगी आई,
जिसे जीने से लोग डरते है…!
उसे दूरियां पसंद आने लगी,
और फिर हमने भी वक्त मांगना छोड़ दिया…!
जी ही लेना चाहिए था मुझे,
ये ख्याल भी मुझे मरते मरते आया…!
अब क्यों बात करोगे तुम मुझसे,
शायद हमसे बहतर कोई मिल गया होगा….!
अगर तुम्हें खुशी मिलती है मुझे तड़पता देख कर,
तो हम दुआ करते हैं आपकी खुशी कभी कम ना हो…!
मत बताना किसी को की में तुम्हारे लिए रो देता हु,
लोगो में अफवाह है के लड़के रोते नही है…!
झूट लिखूं तो तुझको अपना लिखूं मैं,
सच लिखूं तो खुद को तेरा लिखूं मैं…!
तारीफो के मोहताज नहीं होते कभी अच्छे लोग,
क्योंकि फूलो पर कभी इत्र नही लगाया जाता…!
ना कर ज़िद अपनी हद में रह ए दिल,
क्योंकि वो बड़े लोग हैं अपनी मर्जी से बात करेंगे…!
किसी के पास यकीन का कोई इक्का हो तो बताना,
हमारे भरोशे के तो सारे पत्ते जोकर निकले…!
तुमने देखी ही नही हमारी फूलो जैसी वफा,
हम जिसपे खिलते है, उसी पे मुर्झा भी जाते है…!
मैं इसलिए भी नही टिकता रिश्तों में,
वो पत्रा पलटते है और मैं किताब जला देता हु…!
सुना है तुम शोक नही रखते मोहब्बत का,
मगर यकीन मानो बर्बाद तुम कमल करते हो…!
चुप चाप गुज़ार देंगे तेरे बिन भी ये जिंदगी,
लोगो को सीखा देंगे मोहब्बत ऐसे होती है…!
अदब कीजिए हमारी ख़ामोशी का,
तुम्हारे ऐब छुपाए बैठे है….!
मुलाकाते जरूरी है अगर रिश्ते निभाने हो,
वरना “मेरी जान” लगाकर भूल जाने से तो पौधे भी मुर्झा जाते है…!
हमारी होती तो पलखो पर बिठाते तुम्हे,
सुना है गैरो ने पैरो तले रक्खा है तुम्हे…!
ये उनकी मोहब्बत का नया दौर है,
जहा मैं था वहां अब कोई और है…!
किसके लिए जन्नत बनाई है तूने -ए-खुदा,
कौन है यहां जो गुनहागर नही है….!
समझदार इतने हैं कि झूठ पकड़ लेते हैं,
और पागल इतनी है कि फिर से यकीन कर लेते हैं…!
भरोसा उन पर करो जो निभाने वाले हैं,
वरना कुछ पल का साथ तो जनाजा उठाने वाले भी देते है…!
मुझमें हजार खामियां है माफ कीजिए,
पर अपने आईने को भी तो साफ कीजिए…!
मैं फिर से निकलूंगा तेरी तलाश मैं ए-जिंदगी,
दुआ करना इस बार किसी से इश्क न हो…!
अल्फाजो में क्या बयां करे अपनी मोहब्बत के अफसाने,
हम में तो तुम ही हो, तुम्हारे दिल की खुदा जाने…!
गुनाह का तो मुझे मालूम नही लेकिन,
सजा कमाल की मिल रही है…!
मेरी तन्हाई का मुझे गिला नहीं,
क्या हुआ, अगर वो मुझे मिला नही,
फिर भी दुआ करेंगे उसके वास्ते,
उसे वो सब मिले जो मुझे मिला नही…!
सबको ही हमदर्द चाहिए,
अब मेरे जैसा सर दर्द कहां जाए…!
ज़हर में डूबा डूबा कर अल्फाज लिखता हु,
मुझपर इल्जाम है कातिल है लफ्ज़ मेरे…!
अगर तुम्हे खुशी मिलती है, हमसे बात ना करके,
तो हम दुआ करते है, आपकी खुशी कभी कम ना हो…!
इतना ही गुरुर था तो ए-बेवफा मुकाबला इश्क का करती,
हुस्न पर क्या इतराना जिसकी औकात ही बिस्तर तक है…!
मछलियां भी खुश हो गई ये बात जानकर,
की आदमी ही आदमी को जाल में फसाने लगा है…!
निगाहों में अभी तक कोई चेहरा ही नही आया,
भरोसा ही कुछ ऐसा था तेरे लौट आने का…!!!
आज भी देखता हु तस्वीर उसकी,
आज भी उससे प्यार कोई नही लगता…!
नजर और नसीब में भी क्या इत्तेफाक है,
नजर उसे ही पसंद करती है जो नसीब में नहीं होता…!
खरियत नही पूछता मगर खबर रखता है,
सुना है वो शख्स हमपर नजर रखता है…!!!
बहुत तकलीफ में हु आजकल,
कुछ बिता हुआ फिरसे याद आ रहा है…!
यू तो कट जायेगा सफर तन्हा भी,
पर मिले कहीं तो गले लगा लेना…!!!
दर्द इस बात का नही की तुम मिल नही पाओगे,
बात इतनी सी है की हम भूल नहीं पाएंगे…!!!
दरख़्त-ए-नीम हु मै मेरे नाम से घबराहट हो गई,
छाव ठंडी ही दूंगा, बेशक पत्तो में कड़वाहट हो गई…!
कौन ये कहता है के खुदा नजर नहीं आता,
वही तो नजर आता है जब कोई नजर नहीं आता…!!!
कभी कभी दिल इतना उदास हो जाता है, की दिल करता है,
सबसे दूर चला जाऊं कभी वापस ना आऊं…!
मैने जिंदगी में बहुत सारी गलतियां की,
लेकिन मुझे सजा वहां मिली जहां, मैं वफादार था…!!!
मुझे पता था उसे मुझसे मोहब्बत नही थी,
उसका दिल टूटा था बस उसको एक सहारे की जरूरत थी…!
मोहल्ले की मोहब्बत का भी अजीब फसाना है,
चार घर की दूरी है, और बीच में सारा जमाना है…!!!
लोग पूछते है कुछ बदल से गए हो,
बताओ अब टूटे पत्ते रंग भी ना बदलें….!
बहुत अफजल हो तुम तुम्हे नायाब लिख देता हु,
ये नज्में गजले छोड़ो तुम्पर किताब लिख देता हु…!!!
दर्द मुझको ढूंढ लेता है, रोक नए बहाने से,
वो हो गया है वाकिफ मेरे हर ठिकाने से…!!!
भरोसा ऐसे ही नही टूटा मेरा मैने देखा है,
उसे गैरो के साथ दिल लगाते हुए…!!!
जवाब तो तेरे हर सवाल का था मगर,
बेजुबान तो मुझे तेरा लहजा कर गया…!!!
शीशा मेरा सबसे अच्छा दोस्त है,
क्योंकि जब मैं रोता हूँ तो ये कभी नहीं हस्ता…!!!
ना मेरा यार अपना था, ना मेरा प्यार अपना था,
काश ये दिल मान लेता ये सब सपना था…!!!
ना रख उम्मीदें वफा किसी से,
आज कल लोग मिलते किसी से है और होते किसी के हैं…!!!
बस लिबास ही तो महंगा हुआ है,
लोग तो आज भी 2 कोड़ी के हैं….!!!
बेहतरीन सैड शायरी हिंदी में
होले होले कोई याद आया करता है
कोई मेरी हर साँसों को महकाया करता है
उस अजनबी का हर पल शुक्रिया अदा करते हैं
जो इस नाचीज़ को मोहब्बत सिखाया करता है
किसी की चाहत पर हमे अब एतवार न रहा
अब किसी भी ख़ुशी का हमे एहसास न रहा
इन आँखों ने सपनो को टूटते देखा है
इसलिए अब जिंदगी में किसी का इंतज़ार न रहा
उल्फत का अक्सर यही दस्तूर होता है
जिसे चाहो वही अपने से दूर होता है
दिल टूटकर बिखरता है इस कदर
जैसे कोई कांच का खिलौना चूर-चूर होता है
तू क्या जाने की क्या है तन्हाई
टूटे हर पत्ते से पूंछो की क्या है जुदाई
हमको तू कभी वे वेबफाई का इलज़ाम न देना
तू उस वक्त से पूछ की मुझे तेरी याद कब नही आई
हर पल उसका साथ निभाते हम
एक इशारे पर दुनिया छोड़ जाते हम
समन्दर के बीच में फरेब किया उसने
कहते तो किनारे पर ही डूब जाते हम
मैं ख़ामोशी हूँ तेरे मन की
तू अनकहा अलफ़ाज़ मेरा
मैं एक उलझा लम्हा हूँ
तू रूठा हुआ हालात मेरा
अब तो वफ़ा करने से मुकर जाता है दिल
अब तो इश्क के नाम से डर जाता है दिल
अब किसी दिलासे की जरूरत नही है
क्योंकि अब हर दिलासे से भर गया है दिल
तू याद आता है बहुत इसलिए तेरी याद में खो लेते है
तेरी याद जब आती है तो आंसुओ से रो लेते है
नींद तो अब हमे आती नही
तू हमारे सपनो में आयेगा ये सोच कर सो लेते है
आंसू छुपा रहा हूँ तुमसे
दर्द बताना नहीं आता
बैठे बैठे भीग जाती है पलकें
दर्द छुपाना नहीं आता
वक्त नूर को बेनूर कर देता है
छोटे से जख्म को नासूर कर देता है
कोन चाहता अपनी मोहब्बत से दूर रहना
लेकिन वक्त सबको मजबूर कर देता है
एक उम्मीद मिली थी तुम्हारे आने से
अब वो भी टूट गयी
वफादारी की आदत थी हमे
अब शायद वो भी छूट गई
यूँ तो पहले सदमो में भी हँस लेता था मैं
पर आज क्यों बेवजह रोने लगा हूँ मैं
वैसे तो हमेशा से हाथ खाली ही था मेरा
फिर आज क्यों लगा सब कुछ खोने लगा हूँ मैं
तुझे चाहा भी तो इजहार न कर सकें
कट गई उम्र किसी से प्यार न कर सकें
तुने माँगा भी तो अपनी जुदाई मांगी
और हम थे की इंकार न कर सके
आशा है कि हमारे चयनित “सैड शायरी इन हिंदी” ने आपके दिल की गहराइयों को छूने और आपकी भावनाओं को सही शब्दों में व्यक्त करने में मदद की है। यह “sad status in hindi” और शायरी आपके दर्द और उदासी को साझा करने का एक माध्यम हो सकती है। यदि आपको हमारी शायरी पसंद आई हो, तो कृपया अपने अनुभव और विचार साझा करें। इस ब्लॉग को अपने दोस्तों और प्रियजनों के साथ भी साझा करें, ताकि वे भी इस अद्वितीय शायरी का आनंद ले सकें।
और पढ़ें:-
120+ Happy Birthday Wishes in Hindi 2024 (जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं, बधाई, और संदेश)
Happy Marriage Anniversary Wishes in Hindi(शुभ विवाह वर्षगाँठ की शुभकामनाएँ)