देशभर में २६जनवरी को सरस्वती पूजा (वसंत पंचमी) का त्यौहार धूमधाम से मनाया जा रहा है| मान्यता है कि इस दिन से ऋतु परिवर्तन की शुरुआत हो जाती है. वसंत पंचमी पर मां सरस्वती की विशेष आराधना की जाती है| विधि-विधान से मां सरस्वती की पूजा अर्चना कर उन्हें पीले मिष्ठानों का भोग लगाया जाता है और पीले वस्त्रों को धारण किया जाता है. वसंत पंचमी को श्री पंचमी और सरस्वती पंचमी के नाम से भी जाना जाता है| वसंत ऋतु को सभी ऋतुओं का राजा माना जाता है, सभी ऋतुएं अपने क्रम में आती हैं| शीत ऋतु का जब समापन होता है तो वसंत का आगमन होता है, हर साल माघ मास की पंचमी तिथि को वसंत पंचमी की त्यौहार मनाया जाता है|
दरअसल वसंत पंचमी, वसंत ऋतु के आगमन का उत्सव होता है. वसंत पंचमी मनाए जाने को लेकर कुछ पौराणिक कथाएं भी प्रचलित हैं, मान्यता है कि सृष्टि के रचियता भगवान ब्रह्मा के मुख से वसंत पंचमी के दिन ही ज्ञान और विद्या की देवी मां सरस्वती का प्राकट्य हुआ था| इसके अलावा वसंत पंचमी पर सरस्वती पूजन के लिए एक और कारण प्रचलित है। पुराणों के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण ने मां सरस्वती को यह वरदान दिया था कि वसंत पंचमी के दिन सभी स्थानों में उनकी आराधना की जाएगी। इसके बाद से ही वसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजन का विधान है जो वर्तमान में भी जारी है।
सरस्वती पूजा शुभकामना संदेश | वसंत पंचमी शुभकामनाएँ