बनारस के प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर से से सटा हुआ एक हिस्सा है जो ज्ञानवापी मस्जिद कहलाता है आजकल यह बहुत ही चर्चा का विषय बना हुआ है पूरे देश में, तो जानते हैं कि आखिर ज्ञानवापी मस्जिद विवाद है क्या?
विश्वेश्वर मंदिर निर्माण और विध्वंस
यह बात 16वीं शताब्दी की है जब अकबर के मंत्री टोडरमल और काशी के प्रसिद्ध ब्राह्मण नारायण भट्ट दोनों ने मिलकर विश्वेश्वर मंदिर की स्थापना की थी बाद में औरंगजेब ने 1669 में इस मंदिर को तोड़कर ज्ञानवापी मस्जिद बनाने का निश्चय किया / ज्ञानवापी शब्द उसी मंदिर परिसर में मौजूद है ज्ञानवापी कुएं से लिया गया इसका अर्थ होता है “ज्ञान का कुआं”/ जिसकी मानता यह है कि उसे स्वयं भगवान शंकर ने बनाया था/ मंदिर को पूरी तरह से तोड़ा नहीं गया था, भगवान शिव के गण नंदी मस्जिद की ओर आज भी मुंह किए बैठे हैं। और आज का ज्ञान वापी मस्जिद उसी मंदिर के अवशेषों पर बना हुआ है इसे आज भी साफ – साफ देखा जा सकता है
क्या है ज्ञानवापी मस्जिद विवाद?
ज्ञानवापी मस्जिद विवाद कोई नया नहीं है या 31 साल पुराना विवाद है/ इसमें महिलाओं ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी मंदिर समेत कई विग्रहों में पूजन-दर्शन की इजाजत देने और सर्वे कराने की मांग की थी/ इसी वाद पर अदालत ने यहां सर्वे करने की इजाजत दी थी/ इसी सर्वे को लेकर मुस्लिम पक्ष ने एतराज जाहिर किया है/
इस मामले में हिंदू पक्ष की तीन प्रमुख मांगें हैं…
पहला – अदालत पूरे ज्ञानवापी परिसर को काशी मंदिर का हिस्सा घोषित करे/
दूसरा – मस्जिद को ढहाने का आदेश जारी हो और मुस्लिमों के यहां आने पर प्रतिबंध लगे/
तीसरा – हिंदुओं को यहां पर मंदिर का पुरर्निर्माण करने की अनुमति दी जाए/
वाराणसी का ज्ञानवापी परिसर विवाद धार्मिक और राजनीतिक दोनों वजह से चर्चा में है, मामला अभी न्यायालय में है और इस पर फैसला आना बाकी है /